बुधवार, 14 दिसंबर 2016

सुंदर जवाब


आज का अति सुंदर सवाल और उतना ही सुंदर जवाब:-
✍..एक व्यक्ति ने भगवन से पुछा,,
       """...तुझे कैसे रिझाऊं मैं,,
""...कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं मैं...!!
  ""भगवान ने उत्तर दिया""
""...संसार की हर वस्तु तुझे मैनें दी है।।
       ""...तेरे पास अपनी चीज सिर्फ तेरा "अहंकार" है,,
"""...जो मैनें नहीं दिया..""
       ""..उसी को तूं मेरे "अर्पण" कर दे,,,

               ""तेरा जीवन सफल हो जाएगा"
   

मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

"कर्म" एक ऐसा रेस्टोरेंट ह

          "कर्म" एक ऐसा रेस्टोरेंट है ,
               जहाँ ऑर्डर देने की
                  जरुरत नहीं है
             हमें वही मिलता है जो
                 हमने पकाया है।
         
            जिंदगी की बैंक में जब
             " प्यार " का " बैलेंस "
                 कम हो जाता है
             तब " हंसी-खुशी " के
           चेक बाउंस होने लगते हैं।

                 इसलिए हमेशा
                 अपनों के साथ
           नज़दीकियां बनाए रखिए ।

     

नफरत की गाँठ

गन्ने में जहाँ गाँठ होती है वहां रस नहीं होता जहाँ रस होता है वहाँ गाँठ नहीं होती। बस जीवन भी ऐसा ही है- यदि मन में किसी के लिये नफरत की गाँठ होगी तो हमारा जीवन भी बिना रस का बन जायेगा !!

             

ईश्वर को बहुत पसंद है


प्रेम से भरी हुईं *" आँखें "*
*" श्रद्धा "* से झुका हुआ सर,
सहयोग करते हुऐ *" हाथ "*,
सन्मार्ग पर चलते हुए *" पाँव "*
और सत्य से जुडी हुई *" जीभ "*,
*ईश्वर को बहुत पसंद है ।*

पक्के हुए फल

 

        ” पक्के हुए फल की तीन पहचान होती है… एक तो वह नर्म हो जाता है दूसरे वह  मीठा हो जाता है तीसरे उसका रंग बदल जाता है… ”
     ” इसी तरह से परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है… पहली उसमें नम्रता होती है… दूसरे उसकी वाणी मे मिठास होता है और तीसरे उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है….. ”

 

अपना क्या है

*मनुष्य का अपना क्या है ?*
*जन्म :-*     दुसरो ने दिया
*नाम  :-*     दुसरो ने रखा
*शिक्षा :-*    दुसरो ने दी
*रोजगार :-* दुसरो ने दिया और
*शमशान :-* दुसरे ले जाएंगे
तो व्यर्थ में घमंड किस बात पर करते है लोग

विचार

_*कोयल* अपनी भाषा बोलती है,_
        _इसलिये  *आज़ाद* रहती हैं._
  _किंतु  *तोता* दूसरे कि भाषा बोलता है,_
      _इसलिए पिंजरे में जीवन भर_
                 _*गुलाम* रहता है._
_अपनी *भाषा,*_
        _अपने *विचार* और_
               _*"अपने आप"* पर विश्वास करें..!