रविवार, 9 अक्टूबर 2016

विद्या

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*विद्या नाम नरस्य रूपमधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनं*,
*विद्या भोगकरी यशः सुखकरी विद्या गुरूणां गुरुः।*
*विद्या बन्धुजनो विदेशगमने विद्या परा देवता*,
*विद्या राजसु पूज्यते न तु धनं विद्याविहीनः पशुः।।*
*अर्थात्*
विद्या ही मनुष्य की श्रेष्ठ सुन्दरता है, विद्या ही छुपा हुआ सुरक्षित धन है, विद्या ही भोग्य वस्तुओं को देने वाली तथा कीर्ति एवं सुख प्रदान करने वाली है, विद्या पूज्यों के द्वारा भी पूज्य होती है, विद्या ही प्रवास के समय बंधु की तरह सहायता प्रदान करती है, विद्या उत्कृष्ट देवता है, विद्या की ही राजाओं द्वारा पूजा की जाती है, धन की नहीं, विद्या से रहित मनुष्य पशु के समान होता है।

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अनुमान

                  *अनुमान*
           गलत हो सकता है पर
                  *अनुभव*
           कभी गलत नहीं होता
                   क्योंकि....
                  *अनुमान*
         हमारे मन की कल्पना है
               *और अनुभव*
         हमारे जीवन की सीख है
           जिसे हर पल हर दम 
                 *हम जीते है*!!

    
      ❗❗सुप्रभात  ❗❗

http://bit.ly/1WEy1S7

शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2016

विश्वास

*_विश्वास

_विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है| विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाए इंसान को भी पत्थर दिल बना सकता है|
    

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016

दूध

*दूध* उपयोगी है किंतु एक ही दिन के लिए, फिर वो *खराब* हो जाता है....!!
*दूध* में एक बूंद *छाछ* डालने से वह *दही* बन जाता है जो केवल दो और दिन *टिकता* है....!!
*दही* का मंथन करने पर *मक्खन* बन जाती है, यह और तीन दिन टिकता है....!!
*मक्खन* को उबालकर *घी* बनता है, *घी* कभी खराब नहीं होता....!!
एक ही दिन में बिगड़ने वाले *दूध* में कभी नहीं बिगड़ने वाला *घी* छिपा है....!!
इसी तरह आपका *मन* भी अथाह *शक्तियों* से भरा है, उसमें कुछ *सकारात्मक विचार* डालो अपने आपको *मथो* अर्थात *चिंतन* करो....अपने *जीवन* को और *तपाओ* और तब देखना
*आप कभी हार नहीं मानने वाले सदाबहार व्यक्ति बन जाओगे....!!*

परिंदे

-:सुविचार:-
हम परिंदे हैं तूफ़ान में
     उड़ने वाले,
     ग़मो से भागकर नहीं,
     उन्हे हराते हुए आएगें।
     थोडा-सा सब्र कर ले,
     ए मंजिल मेरी,
     हम रास्ते काटकर नहीँ,
     राहों को सजाते हुए आएंगे।
          राधे राधे

जीवन की कला

जिदंगी बहुत छोटी है.. उसे हर सुबह-शाम दु:ख...पछतावे... खेद में बर्बाद न करें।
जो लोग आपसे अच्छा व्यवहार करते हैं, उन्हें प्यार करो और जो नहीं करते उनके लिए दया व सहानुभूति रखो। 
एक दूसरे की गलतियों को स्वीकार करना, नजरंदाज करना, आपसी संबंधों का आदर करना ही जीवन की कला है।

सोमवार, 3 अक्टूबर 2016

मुस्कुराओ


हर पल मुस्कुराओ, बड़ी "खास"
हैे जिंदगी...!
क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी "आस"
है जिंदगी... !
ना  शिकायत  करो .ना  कभी उदास हो.
जिंदा   दिल   से   जीने   का   "अहसास"
हैे जिंदगी.....