गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016

जीवन की कला

जिदंगी बहुत छोटी है.. उसे हर सुबह-शाम दु:ख...पछतावे... खेद में बर्बाद न करें।
जो लोग आपसे अच्छा व्यवहार करते हैं, उन्हें प्यार करो और जो नहीं करते उनके लिए दया व सहानुभूति रखो। 
एक दूसरे की गलतियों को स्वीकार करना, नजरंदाज करना, आपसी संबंधों का आदर करना ही जीवन की कला है।

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