मंगलवार, 29 नवंबर 2016

खटास

थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम को भी मिटा सकती है।

रिश्ते में..
खटास मत आने दो॥
"क्या फर्क पड़ता है,
हमारे पास कितने लाख,
कितने करोड़,
कितने घर,
कितनी गाड़ियां हैं,

खाना तो बस दो ही रोटी है।
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।

फर्क इस बात से पड़ता है,
कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये,
कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए।

        
 

Smile and soft words

Smile and soft words
are real debit cards of life,
        Pay first and get
          benefits later..
   Anger and hard words
   are credit cards of life,
   use first and pay later
          with interest...

  

तजुर्बा


जीवन में कभी किसी को कसूरवार न बनायें...
अच्छे लोग खुशियाँ लाते हैं!
बुरे लोग तजुर्बा!!
‬ज़िंदगी ऐसे जियो के
अपने भगवान् को पसंद आ जाओ
                क्योंकि.....
     दुनिया वालो की पसंद तो
     पल भर मे बदल जाती है..

बुधवार, 23 नवंबर 2016

मेहरबानी

इतनी मेहरबानी
मेरे ईश्‍वर बनाये रखना,
जो रास्ता सही हो
उसी पर चलाये रखना।

ना दुखे दिल किसी का
मेरे शब्दो से,
इतना रहम तू मेरे भगवान
मुझपे बनाये रखना....
                                          

सोमवार, 21 नवंबर 2016

धीरे धीरे पढिये

धीरे धीरे पढिये पसंद आएगा...

मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का.....

कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं....

जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..

बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...

खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं...

अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....

जिन्दगी तेरी भी अजब परिभाषा है.. सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...

खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है...

ज़िंदगी भी वीडियो गेम सी हो गयी है एक लेवल क्रॉस करो तो अगला लेवल और मुश्किल आ जाता हैं.....

इतनी चाहत तो लाखों रुपये पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......

हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है..




*मनुष्य का अपना क्या है ?*
*जन्म :-*     दुसरो ने दिया
*नाम  :-*     दुसरो ने रखा
*शिक्षा :-*    दुसरो ने दी
*रोजगार :-* दुसरो ने दिया और
*शमशान :-* दुसरे ले जाएंगे
तो व्यर्थ में घमंड किस बात पर करते है लोग

     *अगर भूल से भी कभी आपको*
           *गर्व हो जाये की मेरे बिना तो*
     *यहाँ काम चल ही नहीं सकता..*
           *तब आप अपने घर की दीवारों पर*
     *टंगी अपने पूर्वजों की तस्वीरों की*
           *तरफ देख लेना तथा सोचना की क्या*
     *उनके जाने से कोई काम रुका है...?*
           *जवाब आपको स्वतः ही मिल जायेगा* 
      *चौरासी लाख योनियों में,*
           *एक इंसान ही पैसा कमाता है।*
     *अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा,*
           *और एक इंसान जिसका कभी पेट नहीं भरा !!*

शनिवार, 19 नवंबर 2016

पराये

*रोने* से तो *आंसू भी पराये* हो जाते हैं,
       लेकिन *मुस्कुराने* से...
*पराये भी अपने* हो जाते हैं !
       मुझे वो *रिश्ते* पसंद है, जिनमें *" मैं " नहीं  " हम "* हो !! 

बुधवार, 16 नवंबर 2016

नीली चादर

*क़ुदरत की नीली चादर से...
छन कर आया राग सुनहरा...
नई ज़िन्दगी के अंकुर ले...
खुशियाँ लाया नया सवेरा...
मुंदी पलकें खोलकर,
खुलकर लो अंगड़ाई...
ढेरों खुशियाँ दहलीज पर,
देखो सुबह लाई...
खुशियों को दिल में संजोकर...
रख लेना संभाल के,
जग में खुशियाँ...
खूब बाँटना,
करना यही कमाई.....

सु प्रभात