शनिवार, 29 अक्टूबर 2016

सुकून

सुकून उतना ही देना,
  प्रभु जितने से जिंदगी चल जाए,
     औकात बस इतनी देना, कि,
        औरों  का भला हो जाए,
    रिश्तो में गहराई इतनी हो, कि,
          प्यार से निभ जाए,
    आँखों में शर्म इतनी देना, कि,
       बुजुर्गों का मान रख पायें,
     साँसे पिंजर में इतनी हों, कि,
        बस नेक काम कर जाएँ,
          बाकी उम्र ले लेना, कि,
      औरों पर बोझ न बन जाये ...............!!!

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016

चालाक लोग

आवश्यकता से अधिक चालाक लोग केवल दूसरों को आवश्यकता से अधिक मूर्ख समझते है बल्कि दूसरों को मूर्ख बनाने के प्रयास में अंततः स्वयं मूर्ख बनते है।

नाम और निशान

*"समय बहाकर* ले जाता है
            *नाम और निशान*...
कोई *हम* में रह जाता है
            कोई *अहम* में रह जाता है..

बोल मीठे ना हों तो *हिचकियाँ* भी नहीं आती....
             *घर बड़ा हो या छोटा*,
अगर *मिठास* ना होंतो *इंसान* क्या....
             ..... *चींटियां* भी नहीं आती"...!!!

  

षड्यंत्र

एक समय था जब " मंत्र " काम करते थे !
उसके बाद एक समय आया जिसमें " तंत्र " काम करते थे...
फिर समय आया जिसमे " यंत्र " काम करते थे !और आज के समय में कितने दुःख की बात है,
सिर्फ
" षड्यंत्र " काम करते है...

जब तक "सत्य " घर से बाहर निकलता है.....
तब तक " झूठ " आधी दुनिया घूम लेता है...✍

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016

मददगार

           दीया माटी का हो
            या फिर सोने का
        ये महत्व की बात नहीं है
        परन्तु अंधेरे में प्रकाश
             कितना देता है
          ये महत्वपूर्ण बात है
   
             उसी तरह कौन
           गरीब है या अमीर
        ये महत्व की बात नहीं
        वक़्त पे कौन मददगार    
    बनता है ये महत्वपूर्ण बात है
           

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

प्रेम

9*✍ सब को इकट्ठा*
               *रखने की ताकत*
    *प्रेम में है*
                   *और*
*सब को अलग*
      *करने की ताकत*
           *वहम में है।*
                ¸.•*""*•.¸
              **
      *""सदा मुस्कुराते रहिये""*

अहंकार

"मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी
परछाई सदैव काली होती है...!!
"मैं श्रेष्ठ हूं" यह आत्मविश्वास है,
लेकिन....
"सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूं" यह अहंकार है.!