शनिवार, 17 दिसंबर 2016

अदब


*इंसान" की पहचान "अदब"* *से होती है "इल्म" से नहीं.-*
*क्योंकि*
*"इल्म" तो शैतान के पास भी था, पर वह अदब से महरूम था।*

सत्कर्म ही जीवन है।

​नदी​ का पानी ​मीठा​ होता है क्योंकि
              वो पानी ​देती​ रहती है।
​सागर​ का पानी ​खारा​ होता है क्योंकि
             वो हमेशा ​लेता​ रहता है।
​नाले​ का पानी हमेशा ​दुर्गंध​ देता है क्योंकि
              वो ​रूका​ हुआ होता है।
           ​यही जिंदगी है​
​देते रहोगे​ तो सबको ​मीठे​ लगोगे।
​लेते रहोगे​ तो ​खारे​ लगोगे।और
अगर ​रुक गये​ तो सबको ​बेकार​ लगोगे।
    निष्कर्ष : ​सत्कर्म ही जीवन है।​

बंधन


"बंधन" हमेशा "दुख" देता हैं
                    और
    "संबंध" हमेशा "सुख" देता हैं
  हमारा आप से और आपका हम से 
    "संबंध" हैं, कोई "बंधन" नही हैं.
                  
सुन्दर सुबह का मीठा मीठा नमस्कार..

ना कोई राह़ आसान चाहिए,,,
     ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,,,
         एक चीज माँगते रोज भगवान से,, सब लोगों के चेहरे पे हर पल,,,
         प्यारी सी मुस्कान चाहिये !!!

आभास

आनंद" एक "आभास" है
जिसे हर कोई ढूंढ रहा है...

दु:ख" एक "अनुभव" है
जो आज हर एक के पास है...

फिर भी जिंदगी में वही "कामयाब" है
जिसको खुद पर "विश्वास" हे..!!

      

गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

विरोध


समर्थन और विरोध केवल
विचारों का होना चाहिये..
किसी व्यक्ति का नहीं..
क्योंकि अच्छा व्यक्ति भी
गलत विचार रख सकता है..
और किसी बुरे व्यक्ति का भी
कोई विचार सही हो सकता है..

चेहरे पर हँसी

*जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हँसी और जीवन में ख़ुशी लाने की क्षमता रखता है..*
*_ईश्वर उसके चेहरे से कभी हँसी और जीवन से ख़ुशी कम नहीं होने देता।_*

दिल

खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं और
दुःख बाँटने से कम होता है।
.
दोस्तों सिर्फ एक दिल ही है जो
बिना आराम किये सालों काम करता है..
इसे हमेशा #खुश रखिए
चाहे ये आपका हो या
आपके अपनों का।