नदी का पानी मीठा होता है क्योंकि
वो पानी देती रहती है।
सागर का पानी खारा होता है क्योंकि
वो हमेशा लेता रहता है।
नाले का पानी हमेशा दुर्गंध देता है क्योंकि
वो रूका हुआ होता है।
यही जिंदगी है
देते रहोगे तो सबको मीठे लगोगे।
लेते रहोगे तो खारे लगोगे।और
अगर रुक गये तो सबको बेकार लगोगे।
निष्कर्ष : सत्कर्म ही जीवन है।
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शनिवार, 17 दिसंबर 2016
सत्कर्म ही जीवन है।
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