दुनिया में सबसे ज्यादा सच्चे किस्से शराबखाने ने सुने हैं। वो भी हाथ में जाम लेकर
और,
सबसे ज्यादा झूठे किस्से अदालत ने सुनें है, वो भी, हाथों में #गीता_कुरान लेकर
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मंगलवार, 29 नवंबर 2016
गीता_कुरान
बुढ़ापे में काया
*मानव कितने भी प्रयत्न कर ले*
*अंधेरे में छाया*
*बुढ़ापे में काया*
*और*
*अंत समय मे माया*
*किसी का साथ नहीं देती*
कर्म करो तो फल मिलता है,
आज नहीं तो कल मिलता है।
जितना गहरा अधिक हो कुँआ,
उतना मीठा जल मिलता है ।
जीवन के हर कठिन प्रश्न का,
जीवन से ही हल मिलता है।
Bitter Pills
"Bitter Pills we Pop up Quickly,
But, Sweet Chocolate We Chew Well & Eat.
Similarly in Life,
Make it a Habit to Quickly Forget the Bad Times and Indulge in all Good Times."
साइड ग्लास
सुविचार
किसी ने मुझसे कहा कि...
तुम इतना *ख़ुश* कैसे रह लेते हो?
तो मैंने कहा कि....
मैंने जिंदगी की गाड़ी से...
वो साइड ग्लास ही हटा दिये...
जिसमेँ पीछे छूटते रास्ते और..
बुराई करते लोग नजर आते हैं..
नाराज न होना कभी,
✍ _नाराज न होना कभी,_
_यह सोचकर कि…_
_काम मेरा_
_और_
_नाम किसी का_
_हो रहा है.._?
_*घी और रुई सदियों से,*_
_*जलते चले आ रहे हैं…,*_
_*और*_
_*लोग कहते हैं…,*_
_*दिया जल रहा है।*_
सबंध
"सबंध" ज्ञान एवं पैसे से भी बड़ा होता है,क्योकि जब ज्ञान और पैसा विफल हो जाता है, तब "सबंध" से स्थिति सम्भाली जा सकती है !!
अच्छे व्यवहार
❝अच्छे व्यवहार का कोई आर्थिक
मूल्य भले ही न हो
लेकिन
अच्छा व्यवहार करोड़ों दिलों को
खरीदने की शक्ति रखता है❞κ
❝जिंदगी की परीक्षा में
कोई नम्बर नहीं मिलते
लोग आपको दिल में
जगह दे दे तो समझ
लेना आप पास हो गये❞
इरादा
*मेरे गुरु कहते है* …
*मत सोच की तेरा*
*सपना क्यों पूरा नहीं होता*
*हिम्मत वालो का इरादा*
*कभी अधुरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म*
*अच्छे होते है*
*उस के जीवन में कभी*
*अँधेरा नहीं होता* ..
हे परमात्मा
हे परमात्मा,
अगर आप का कुछ तोड़ने का मन करे,
तो मेरा ग़रूर तोड़ देना..
अगर आप का कुछ जलाने का मन करे,
तो मेरा क्रोध जला देना..
अगर आप का कुछ बुझाने का मन करे,
तो मेरी घृणा बुझा देना..
अगर आप का मारने का मन करे,
तो मेरी इच्छा को मार देना..
अगर आप का प्यार करने का मन करे,
तो मेरी ओर देख लेना..
"मैं शब्द, तुम अर्थ, तुम बिन मैं व्यर्थ"
तारीफ
शानदार बात
*फूल कितना भी सुन्दर हो,*
*तारीफ खुशबू से होती हे...*
*इंसान कितना भी बड़ा हो,*
*कद्र उसके गुणों से होती हे...*
जुबान
*किसी को अपना बनाओ*
*तो “दिल” से बनाओ….*
*“जुबान” से नहीं ।*
*और किसी पर गुस्सा करो*
*तो “जुबान” से करो…..*
*“दिल” से नही*
*सुई में वही धागा प्रवेश कर सकता है जिस धागे में कोई गांठ नहीं हो ,*
खटास
थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम को भी मिटा सकती है।
रिश्ते में..
खटास मत आने दो॥
"क्या फर्क पड़ता है,
हमारे पास कितने लाख,
कितने करोड़,
कितने घर,
कितनी गाड़ियां हैं,
खाना तो बस दो ही रोटी है।
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।
फर्क इस बात से पड़ता है,
कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये,
कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए।
Smile and soft words
Smile and soft words
are real debit cards of life,
Pay first and get
benefits later..
Anger and hard words
are credit cards of life,
use first and pay later
with interest...
तजुर्बा
जीवन में कभी किसी को कसूरवार न बनायें...
अच्छे लोग खुशियाँ लाते हैं!
बुरे लोग तजुर्बा!!
ज़िंदगी ऐसे जियो के
अपने भगवान् को पसंद आ जाओ
क्योंकि.....
दुनिया वालो की पसंद तो
पल भर मे बदल जाती है..
बुधवार, 23 नवंबर 2016
मेहरबानी
इतनी मेहरबानी
मेरे ईश्वर बनाये रखना,
जो रास्ता सही हो
उसी पर चलाये रखना।
ना दुखे दिल किसी का
मेरे शब्दो से,
इतना रहम तू मेरे भगवान
मुझपे बनाये रखना....
सोमवार, 21 नवंबर 2016
धीरे धीरे पढिये
धीरे धीरे पढिये पसंद आएगा...
मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का.....
कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं....
जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..
बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...
खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं...
अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....
जिन्दगी तेरी भी अजब परिभाषा है.. सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...
खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है...
ज़िंदगी भी वीडियो गेम सी हो गयी है एक लेवल क्रॉस करो तो अगला लेवल और मुश्किल आ जाता हैं.....
इतनी चाहत तो लाखों रुपये पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......
हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है..
*मनुष्य का अपना क्या है ?*
*जन्म :-* दुसरो ने दिया
*नाम :-* दुसरो ने रखा
*शिक्षा :-* दुसरो ने दी
*रोजगार :-* दुसरो ने दिया और
*शमशान :-* दुसरे ले जाएंगे
तो व्यर्थ में घमंड किस बात पर करते है लोग
*अगर भूल से भी कभी आपको*
*गर्व हो जाये की मेरे बिना तो*
*यहाँ काम चल ही नहीं सकता..*
*तब आप अपने घर की दीवारों पर*
*टंगी अपने पूर्वजों की तस्वीरों की*
*तरफ देख लेना तथा सोचना की क्या*
*उनके जाने से कोई काम रुका है...?*
*जवाब आपको स्वतः ही मिल जायेगा*
*चौरासी लाख योनियों में,*
*एक इंसान ही पैसा कमाता है।*
*अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा,*
*और एक इंसान जिसका कभी पेट नहीं भरा !!*
शनिवार, 19 नवंबर 2016
पराये
*रोने* से तो *आंसू भी पराये* हो जाते हैं,
लेकिन *मुस्कुराने* से...
*पराये भी अपने* हो जाते हैं !
मुझे वो *रिश्ते* पसंद है, जिनमें *" मैं " नहीं " हम "* हो !!
बुधवार, 16 नवंबर 2016
नीली चादर
*क़ुदरत की नीली चादर से...
छन कर आया राग सुनहरा...
नई ज़िन्दगी के अंकुर ले...
खुशियाँ लाया नया सवेरा...
मुंदी पलकें खोलकर,
खुलकर लो अंगड़ाई...
ढेरों खुशियाँ दहलीज पर,
देखो सुबह लाई...
खुशियों को दिल में संजोकर...
रख लेना संभाल के,
जग में खुशियाँ...
खूब बाँटना,
करना यही कमाई.....
सु प्रभात
सोमवार, 14 नवंबर 2016
One act of injustice
According to folklore in Haryana –
When Lord Krishna returned home after the battle of Mahabharata, his wife Rukmani confronted him “How could you be party to the killing of Guru Drona and Bheeshma, who were such righteous people and had a lifetime of righteousness behind them.”
Initially Lord Krishna avoided her questions but when she did not relent, he replied “No doubt they had a lifetime of rightousness behind them but they both had committed one single sin that destroyed all their lifetime of righteousness”
Rukmani asked “And what was that sin?”
Lord Krishna replied “They were both present in the court when a lady (Draupadi) was being disrobed and being elders they had the authority to stop it but they did not. This single crime is enough to destroy all righteousness of this world”
Rukmani asked “But what about Karna? He was known for his charity. No one went emptyhanded from his doorstep. Why did you have him killed?”
Lord Krishna said “No doubt Karna was known for his charity. He never said ‘No’ to anyone who asked him for anything. But when Abhimanyu fell after successfully fighting an army of the greatest warriors and he lay dying, he asked for water from Karna who stood nearby. There was a puddle of clean water where Karna stood but not wanting to annoy his friend Duryodhan, Karna did not give water to a dying man. In doing so his charity of a lifetime was destroyed. Later in battle, it was the same puddle of water in which the wheel of his chariot got stuck and he was killed.”
Understand that your one act of injustice can destroy your whole life of honesty.
ओशो- कागज के टुकड़े
ओशो ने कई साल पहले एक प्रवचन में कहा था !
तुम जिसको पैसा समझते हो वह एक मान्यता है अगर किसी दिन सरकार बदल जाए और रातोंरात यह एलान किया जाए कि फलाँ-फलाँ नोट नहीं चलेगा तो तुम क्या करोगे ?
मान्यता को बदलने में देर कितनी लगती है ?
चंद कागज के टुकड़ों पर किसी का चित्र और हस्ताक्षर करने से वह मुद्रा बन गई और व्यवहारिक काम में आने लगी
अब मान्यता बदल गई तो वह मुद्रा दो कौड़ी की हो जाएगी
सारा खेल मान्यता का है
जड़ वस्तुऐं मूल्यहीन हैं महज एक मान्यता है जिसने उन्हे मूल्यवान बना दिया है ! स्वर्ण रजत हीरे मुद्रा इनका मूल्य महज मान्यता का आरोपण है। जिस दिन तुम जगत की मान्यताओं से मुक्त हो गये उस दिन सब मिट्टी हो जाएगा उस दिन तुम चेतना को उपलब्ध होगे जो अनमोल है!
गुरुवार, 10 नवंबर 2016
उम्मीद
मुश्किल वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है-
' उम्मीद ' !!
जो एक प्यारी सी 'मुस्कान' देकर...
कानों में धीरे से कहती है-
" सब अच्छा होगा !! "
" All is well.!"
करेन्सी
..देखा,
ऐसे ही बन्द हो जाएगी इक दिन ..देखा,
ऐसे ही बन्द हो जाएगी इक दिन करेन्सी सांसो की भी और समय सीमा भी नहीं मिलेगी...
..खरीद ले *खुशियाँ* कुछ मुफ्त की मुस्कानों से,
यही वो चीज है जो गायब नहीं होती कभी दुकानों से। सांसो की भी और समय सीमा भी नहीं मिलेगी...
..खरीद ले *खुशियाँ* कुछ मुफ्त की मुस्कानों से,
यही वो चीज है जो गायब नहीं होती कभी दुकानों से।
keep 3 words
When you start your day
keep 3 words in your pocket :
Try / True / Trust
Try- for better future,
True - with your work,
Trust - in god.
आँखे तालाब नहीँ
कमाल है ना........
आँखे तालाब नहीँ फिर भी भर आती हैँ
दुश्मनी बीज नही ,फिर भी बोयी जाती है,
होठ कपड़ा नही, फिर भी सिल जाते हैँ,
किस्मत सखी नही फिर भी रुठ जाती है,
बुद्वि लोहा नही, फिर भी जंग लग जाती है,
आत्मसम्मान शरीर नहीं
.................फिर भी घायल हो जाता है
और
इन्सान मौसम नही, फिर भी बदल जाता है........
बुधवार, 9 नवंबर 2016
पूर्णविराम
...कभी हँसते हुए छोड़ देती ये जिंदगी...
...कभी रोते हुए छोड़ देती ये जिंदगी...
...न पूर्णविराम सुख में,,,
...न पूर्णविराम दुःख में,,,
...बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी..!!!!!!
प्यार की डोर सजाये रखो,
दिल को दिल से मिलाये रखो
क्या लेकर जाना है साथ मे
इस दुनिया से,
मीठे बोल कर रिश्तों को बनाए रखो..!
सुन्दर पुष्प
*यदि सफलता एक सुन्दर पुष्प है तो विनम्रता उसकी सुगन्ध।*
*जिंदगी में जो चाहो हासिल कर लो, बस इतना ख्याल रखना कि, आपकी मंजिल का रास्ता, लोगो के दिलों को तोड़ता हुआ न गुजरे*
*"अच्छी सोच"*
*"अच्छा विचार"*
*"अच्छी भावना"*
*मन को हल्का करता है!*
* मुस्कराते रहो *
मुस्कुराओ
मुस्कुराओ..... क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है”
सोमवार, 7 नवंबर 2016
रिश्ता
*अजीब रिश्ता हैं मेरा ऊपर वाले के साथ*
*जब भी मुसीबत आती हैं*
*न जाने किस रूप मे आता हैं*
*हाथ पकड़ कर पार लगा देता हैं*
*मैं उसके सामने सर झुकाता हूँ*
*वो सबके के सामने मेरा सर उठाता हैं*
एक आदत
*किस्मत की एक आदत है कि*
*वो पलटती जरुर है और जब पलटती*
*है, तब सब पलटकर रख देती है।*
*इसलिये अच्छे दिनों मे अहंकार*
*न करो और खराब समय में*
*थोड़ा सब्र करो......!!*
ऐ परिंदे!!
ऐ परिंदे!!
यूँ ज़मीं पर बैठकर क्यों
आसमान देखता है..
पंखों को खोल, क्योंकि,
ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है !!
लहरों की तो फ़ितरत ही है
शोर मचाने की..
लेकिन मंज़िल उसी की होती है, जो नज़रों से तूफ़ान देखता है !!
"स्वाद" और "विवाद"
*"स्वाद" और "विवाद"*
*दोनो को छोड़ देना चाहिए*
*"स्वाद" छोड़ो तो*
*शरीर को फायदा,*
*"विवाद" छोड़ो तो*
*संबंधों को फायदा।*
*मस्त रहे .व्यस्त रहे व स्वस्थ रहे*
◻ *Good evening *◽
बहते हुए पानी
विचार बहते हुए पानी की तरह है,
यदि हम उसमे "गन्दगी" मिलाएंगे,
तो वह नाला बन जायेंगे..
और
यदि "सुंगध" मिला देंगे तो वही
विचार"गंगाजल"बन जायेगा...!
Good morning
शनिवार, 5 नवंबर 2016
अच्छे व्यवहार
❝अच्छे व्यवहार का कोई आर्थिक
मूल्य भले ही न हो
लेकिन
अच्छा व्यवहार करोड़ों दिलों को
खरीदने की शक्ति रखता है❞
❝जिंदगी की परीक्षा में
कोई नम्बर नहीं मिलते
लोग आपको दिल में
जगह दे दे तो समझ
लेना आप पास हो गये❞
*मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ , हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !*
*मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं , जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !*
*भरोसा ” ईश्वर ” पर है, तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे !*
*मगर , भरोसा अगर ” खुद ” पर है ,तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे !!!*
रेस्टोरेंट
"कर्म" एक ऐसा रेस्टोरेंट है ,
जहाँ ऑर्डर देने की
जरुरत नहीं है
हमें वही मिलता है जो
हमने पकाया है।
जिंदगी की बैंक में जब
" प्यार " का " बैलेंस "
कम हो जाता है
तब " हंसी-खुशी " के
चेक बाउंस होने लगते हैं।
इसलिए हमेशा
अपनों के साथ
नज़दीकियां बनाए रखिए ।
शुक्रवार, 4 नवंबर 2016
विजेता
*सिर्फ दुनिया के सामने "जीतने" वाला ही "विजेता" नहीं होता....*
*किन "रिश्तों" के सामने कब और कहाँ पर "हारना" है, यह जानने वाला भी विजेता होता है...*
कठिन प्रश्न
कर्म करो तो फल मिलता है,
आज नहीं तो कल मिलता है।
जितना गहरा अधिक हो कुँआ,
उतना मीठा जल मिलता है ।
जीवन के हर कठिन प्रश्न का,
जीवन से ही हल मिलता है।
""सदा मुस्कुराते रहिये""
बुरे कर्मो से बचना
जैसे हजारो गायों में भी बछड़ा अपनी माता को पहचानकर उसी के पास जाता है, उसी प्रकार व्यक्ति जो भी कर्म करता है, वह कर्म भी उसके पीछे-पीछे चलता है अर्थात् व्यक्ति को अपने कर्मो का फल अवश्य ही भोगना पड़ता हैं। कहा भी गया है- कर्मो की गति न्यारी ।
अत: मनुष्य को हमेंशा बुरे कर्मो से बचना चाहिए, क्योंकि बुरे कर्मो का फल बुरा ही होता है, चाहे वह फल मनुष्य को बीमारी के रूप में मिले, चाहे वह फल मनुष्य को दुर्धटना के रूप में मिले, चाहे वह फल मनुष्य को हानि तथा असफलता के रूप में मिले या चाहे वह फल मनुष्य को अन्य किसी पीड़ा के रूप में मिले, लेकिन बुरे कर्मो का फल मनुष्य को भुगतना ही पड़ता है।
मनुष्य धन-दौलत के लोभ-लालच में बुरे कर्म करते समय अन्तिम एवं परम सत्य को भूल जाता है कि जिस धन-दौलत के लिए वह बुरे कर्म कर रहा है उस धन-दौलत में से एक रूपया भी, अन्त समय में उसके साथ जाने वाला नहीं है। उसके साथ केवल उसके बुरे कर्म हीं जायेंगे ओर धन-दौलत यहीं पड़ीे रह जायेंगी।यहां तक कि उसके बन्धु बान्धव पहने आभुषणों के साथ उसके पहने कपड़े तक भी उतार देंगे कुछ भी साथ नहीं जाने देंगे। इस अन्तिम एवं परम सत्य को जानकर मनुष्य को, अपनी आत्मा के कल्याण के लिए एवं मनुष्य जन्म को सार्थक बनाने के लिए, अधिक से अधिक शुभ एवं अच्छे कर्म करने चाहिए।