दूध को दुखी करो तो दही बनता है|
दही को सताने से मक्खन बनता है|
मक्खन को सताने से घी बनता है|
दूध से महंगा दही है,दही से महंगा मक्खन है,और मक्खन से महंगा घी है|
किन्तु इन चारों का रंग एक ही है सफेद|
इसका अर्थ है बाऱ- बार दुख और संकट आने पर भी जो इंसान अपना रंग नहीं बदलता,समाज में उसका ही मूल्य बढ़ता है|
*दूध* उपयोगी है किंतु एक ही दिन के लिए, फिर वो *खराब* हो जाता है....!!
*दूध* में एक बूंद *छाछ* डालने से वह
*दही* बन जाता है जो केवल दो और दिन *टिकता* है....!!
*दही* का मंथन करने पर *मक्खन* बन जाती है, यह और तीन दिन टिकता है....!!
*मक्खन* को उबालकर *घी* बनता है, *घी* कभी खराब नहीं होता....!!
एक ही दिन में बिगड़ने वाले *दूध* में कभी नहीं बिगड़ने वाला *घी* छिपा है....!!
इसी तरह आपका *मन* भी अथाह *शक्तियों* से भरा है, उसमें कुछ *सकारात्मक विचार* डालो अपने आपको *मथो* अर्थात *चिंतन* करो....अपने *जीवन* को और *तपाओ* और तब देखना
*आप कभी हार नहीं मानने वाले सदाबहार व्यक्ति बन जाओगे....!!*
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