रविवार, 25 दिसंबर 2016

स्मरण

```जो “प्राप्त” है वो ही “पर्याप्त” है ।
इन दो शब्दों में सुख बेहिसाब हैं।।

जो इंसान “खुद” के लिये जीता है उसका एक दिन “मरण” होता है..

पर जो इंसान”दूसरों”के लिये जीता है
उसका हमेशा “स्मरण” होता है ।।```

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