शनिवार, 31 दिसंबर 2016

पाँव  में  छाला 

        *जो मुस्कुरा रहा है,*
        उसे  दर्द  ने  पाला  होगा...,
           *जो  चल  रहा  है,*
      उसके  पाँव  में  छाला  होगा...,
          बिना संघर्ष के इन्सान
        चमक नहीं सकता,  यारों...,
       जो जलेगा उसी दिये से  तो,
              उजाला होगा...।

     उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है 

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