शनिवार, 24 दिसंबर 2016

वसीयत

*"रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,*
*"लेकिन मुस्कुराने से...*
*पराये भी अपने हो जाते हैं !*
*"मुझे वो रिश्ते पसंद है,*
*"जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो !!*
*"इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,*
*"उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..!!*✍
         

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