बुधवार, 28 दिसंबर 2016

ख्वाहिशें

"रास्ते कहा खत्म होते हैं,
ज़िन्दगी के इस सफ़र में;

मंजिल तो वही है
जहाँ ख्वाहिशें थम जाये"..

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