रविवार, 25 दिसंबर 2016

हौसलें व विश्वास

*डाली से टूटा फूल फिर से*
*लग नहीं सकता है*
         *मगर*
*डाली मजबूत हो तो उस पर *
      *नया फूल खिल सकता है*
*उसी तरह ज़िन्दगी में *
             *खोये पल को ला नहीं* *सकते*
      * मगर *
*हौसलें व विश्वास से*
          *आने वाले हर पल को*
               *खुबसूरत बना सकते हैं*

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