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*हर किसी के अन्दर अपनी*
*"ताकत"और अपनी"कमज़ोरी"*
*होती है...*
*"मछली"जंगल मे नही दौड़*
*सकती और"शेर"पानी मे राजा*
*नही बन सकता.....!!*
*इसलिए*
*"अहमियत"*
*सभी को देनी चाहिये*....
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*मन की आंखो से*
*प्रभु का दीदार करो*
*दो पल का है अन्धेरा*
*बस सुबह का *इन्तजार करो*
*क्या रखा है*
*आपस के बैर मे ए यारो*
*छोटी सी है ज़िंदगी बस*
*हर किसी से प्यार करो...*
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