मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

आशाएं

*"आशाएं ऐसी हो जो-*
              *मंज़िल  तक ले जाएँ,*
  *"मंज़िल  ऐसी हो जो-*
           *जीवन जीना सीखा दे..!*
*जीवन ऐसा हो जो-*
               *संबंधों की कदर करे,*
*"और संबंध ऐसे हो जो-*
       *याद करने को मजबूर कर दे"*
*"दुनियां के रैन बसेरे में..*
   *पता नही कितने दिन रहना है,*
       *"जीत लो सबके दिलों को..*
  *बस यही जीवन का गहना है*

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