शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016

हिम्मत ना हारना,

सूरज हर शाम को ढल ही जाता है,

पतझङ भी बसंत में बदल ही जाता है,

मेरे मन ! मुसीबत में हिम्मत ना हारना,

समय कैसा भी हो, गुजर ही जाता है ।
      

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