*एक बेहतरीन सोच*
*हर एक की सुनो*
*और हर एक से सीखो*
*क्योंकि हर कोई,*
*सब कुछ नही जानता*
*लेकिन हर एक*
*कुछ ना कुछ ज़रुर जानता हैं!*
*स्वभाव रखना है तो उस दीपक की तरह रखिये, जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता है, जितनी की किसी गरीब की झोपड़ी में….*
सुप्रभात
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