गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

जिओ

अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ
          बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ

  जो *झुक* सकता है वह सारी
          दुनिया को *झुका* सकता है

  अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये
          तो बुरी आदत *समय बदल देती* है

  चलते रहने से ही *सफलता* है,
          रुका हुआ तो पानी भी *बेकार* हो जाता है

  *झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है

  अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना*,
          अच्छा *विचार* मन को हल्का करता है

  मुसीबत सब पर आती है,
          कोई *बिखर* जाता है
            और कोई *निखर* जाता है !!

           शुभ प्रभात

  आपका दिन मंगलमय हो

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